*प्रकृति पर संकट*
1. आज प्रकृति मायूस खड़ी है, विपदा भरी आन पड़ी है।। 2. जल जमीन जीवन का नाश, जीव जंतु खग विहग निराश।। 3. कूड़ो से पट रही जमीन, चारों तरफ है पालीथीन।। 4. कूड़ा कचरा यत्र तत्र है, शीशा प्लास्टिक सर्वत्र है।। 5. मिट्टी से घट रही उर्वरा, बंजर बन जा रही वसुंधरा।। 6. अंधाध…