कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए इन 3 तरीकों से खाएं लहसुन, नसों में जमा गंदगी हो जाएगी बाहर


एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए रोजाना लहसुन का सेवन काफी कारगर माना जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को लहसुन का सेवन कैसे करना चाहिए, जानें यहां।

लहसुन से होगा बैड कोलेस्ट्रॉल कम : बैड कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी प्रॉब्लम है जो किसी भी मौसम में हो सकती है लेकिन, सर्दियों में बैड कोलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाली अन्य समस्याओं में इजाफा हो सकता है। बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाने से हार्ट से जुड़ी बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है। ऐसे में स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने के लिए आप सर्दियों में लहसुन का सेवन कर सकते हैं।

बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए लहसुन का सेवन कैसे करना चाहिए : लहसुन का सेवन कच्चा करने से बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। लहसुन में एंटीबायोटिक्स पाए जाते हैं, इसके अलावा लहसुन में विटामिन सी, मैग्नीशियम, सेलेनियम और ज़िंक जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। आप खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन कर सकते हैं।

लहसुन के सेवन के अन्य तरीके : बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आप भूने हुए लहसुन या लहसुन की चटनी भी खा सकते हैं।

खाली पेट लहसुन खाने से हार्ट को होते हैं ये लाभ : लहसुन का रोजाना सेवन करने से हार्ट हेल्थ बूस्ट होती है। लहसुन बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है। इससे हार्ट से जुड़ी नसों को ठीक तरीके से काम करने में मदद होती है और हार्ट अटैक का रिस्क कम होता है।

बॉडी डिटॉक्स : कच्चे लहसुन का नियमित सेवन करने से शरीर में जमा टॉक्सिंस भी बाहर निकल जाते हैं। इससे नसों की भी सफाई हो जाती है। इस तरह शरीर अंदर से स्वस्थ बनता है और बीमारियों का रिस्क भी कम होता है। साथ ही इंफ्लेमेशन की समस्या भी कम होती है।

बीपी लेवल रखे अंडर कंट्रोल : लहसुन में ऐसे तत्व होते हैं जो ब्लड प्रेशर लेवल को नियंत्रित करते हैं। बीपी लेवल नॉर्मल रहने से भी हार्ट हेल्थ बेहतर रहती है। 

Disclaimer : प्र‍िय पाठकों यह आर्ट‍िकल केवल सामान्‍य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इसल‍िए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें। Parivartan Chakra इस जानकारी के लिए ज‍िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

साभार-thehealthsite.com





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