बलिया : विकसित भारत के निर्माण में बौद्धिक संपदा अधिकार का होगा बड़ा योगदान


बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को बौद्धिक संपदा और विकसित भारत @2047 पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई। विज्ञान एवं तकनीकी परिषद, उत्तर प्रदेश के द्वारा अनुदानित इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रोफेसर परमेंद्र कुमार बाजपेई ने अपने वक्तव्य में कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में  इसका बहुत योगदान होगा। जोर देते हुए कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार का प्रयोग सदैव जनकल्याण और लोकहित में होना चाहिए यही  बौद्धिक संपदा का वास्तविक प्रयोग होगा। 

कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र आज आर्थिक विकास के इस दौर में आगे बने रहने के लिए हमें भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा को समझना होगा और नए अनुसंधानों के द्वारा भारत की बौद्धिक संपदा अधिकार का जागरूक होकर प्रयोग करना होगा तभी विकसित भारत 2047 का सपना साकार हो सकेगा। 


कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता रेलवे के  अधिकारी श्री निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार का उचित प्रयोग कर हम विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। देश का विकास नयी खोजों के माध्यम से ही होगा लेकिन इसे जमीनी धरातल पर उतारना भी बेहद जरूरी है।  

कार्यशाला के द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता जेपी पाण्डेय जी ने अपने उद्बोधन में कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचार एवं आर्गेनिक फार्मिंग की व्यावहारिक उपयोगिता के बारे में अपने अनुभव साझा किए। कहा कि नये विचारों के प्रयोग से की गयी कृषि लाभप्रद होती है।


कार्यशाला संयोजक डॉ नीरज कुमार सिंह के द्वारा विषय प्रवर्तन किया गया। प्रथम सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पुष्पा मिश्रा एवं द्वितीय सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्मिता ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रमोद शंकर पाण्डेय ने किया। कुलसचिव एस. एल. पाल, वित्त अधिकारी आनंद दूबे, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. अजय कुमार चौबे, डॉ. विनीत सिंह एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कार्यशाला में शामिल सहभागी आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की सफलता में डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अभिषेक मिश्र, डॉ. विजय शंकर पाण्डेय आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


*जयप्रकाश विवि छपरा और जेएनसीयू के मध्य हुआ एमओयू*

इस अवसर पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा तथा जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के मध्य एक एमओयू (समझौता ज्ञाप) भी हुआ। दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति की उपस्थिति में छपरा विवि के कुलसचिव प्रो. नारायण दास तथा जेएनसीयू के कुलसचिव एस एल पाल ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये। दोनों विवि मिलकर शोध कराने के साथ विषय विशेषज्ञ प्राध्यापक एवं शोधार्थी आदान-प्रदान के साथ तकनीकि हस्तांतरण करने में भी सक्षम हो सकेंगे। 




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