राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उ.प्र. बलिया की मासिक बैठक संपन्न


बैठक में शाखा के शत प्रतिशत सदस्यों ने प्रतिभाग किया

निजीकरण के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष हेतु तैयार रहने का लिया गया संकल्प

बलिया। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, उत्तर प्रदेश की जनपद शाखा बलिया की मासिक बैठक आज दिनांक 10.12.2024 को शाखा अध्यक्ष इं० आशुतोष पाण्डेय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जनपद/परियोजना के सभी सदस्यों ने प्रतिभाग किया।

उक्त बैठक में वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा पूर्वाचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रस्तावित निजीकरण पर गहरा रोष व्यक्त किया तथा विभाग एवं परिवार के भविष्य को बचाने के लिए हर स्तर के संघर्ष का संकल्प लिया गया। 

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जिन आंकड़ों के आधार पर कॉरपोरेशन पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्कॉम का निजीकरण किया जा रहा है है उनकी विश्वसनीयता संदिग्ध है। अभी माह जुलाई 2024 में कॉरपोरेशन द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को प्रस्तुत आंकड़ों में राजस्व वसूली से लेकर लाइन हानियां रोकने, बेहतर विद्युत आपूर्ति तथा बिलिंग दक्षता आदि सभी पैरामीटर में उल्लेखनीय प्रगति की बात कही गई थी तीन चार माह में ही विपरीत आंकड़े प्रस्तुत कर विभाग को ऋण जाल में फंसे होने की बात कहा जाना सच्चाई से परे मात्र आंकड़ों की बाजीगरी के सिवा कुछ नहीं है। 

वक्ताओं ने कहा कि विद्युत कर्मियों द्वारा सीमित संसाधन एवम् अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था में में दिन रात मेहनत कर क्षमता विस्तार, डाटा क्लीनिंग एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति के अभूतपूर्व कार्य किए गए उसके सकारात्मक परिणाम आने शुरू हुए हैं। देश भर में सर्वाधिक 30000 मेगावाट (एक दिन में) की विद्युत आपूर्ति इन्हीं जूनियर इंजीनियर एवं विद्युत कर्मियों द्वारा की गई थी। इन सब के बाद भी उड़ीसा मॉडल पर निजीकरण किया जाना एक छलावा है। जिससे विद्‌युत उपभोक्ता, किसान, मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के व्यापारी एवं आम जनमानस पर महंगी बिजली खरीदने के लिए बाध्य होंगे साथ ही जूनियर इंजीनियर एवं विद्युत कर्मियों का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा। ज्ञातव्य है की उड़ीसा मॉडल एक असफल प्रयोग है जहां पर आज भी विद्युत हानियां 20% के ऊपर हैं जबकि उत्तर प्रदेश में यह 19 प्रतिशत के आसपास हैं और वर्तमान में जारी रिवैंप आदि योजनाओं के पूर्ण होने पर लाइन हानियां 15 प्रतिशत पर आ जाएगी। वक्ताओं ने माननीय मुख्यमंत्री जी माननीय ऊर्जा मंत्री जी से अपील की कि वह प्रभावी हस्तक्षेप करते हुए कॉरपोरेशन द्वारा लिए गए निजीकरण के फैसले को आम जनमानस वि‌द्युत उपभोक्ताओं एवं विद्युत कर्मियों के हित में तत्काल निरस्त करने की मांग की. आपके कुशल नेतृत्व में सभी सभी विद्युत कर्मी और अधिक मेहनत तथा लगन से कार्य कर प्रदेश के विकास में अपना पूर्ण योगदान दे सके। 

सभा में मुख्य रूप से इं० अरुण कुमार पाण्डेय (पूर्वांचल लेखा निरीक्षक) ई० प्रवीण यादव, ई० सुरेंद्र गुप्ता ने अपने विचार रखें अंत में जिला इकाई द्वारा सर्वसम्मति से निजीकरण के विरुद्ध अपने परिवार एवं विभाग को बचाने हेतु निजीकरण के विरुद्ध संगठन के प्रत्येक संघर्ष कार्यक्रम का पूरा समर्थन करने का प्रस्ताव पारित किया। 



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