उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किया है कि जो सरकारी कर्मचारी बिना हेलमेट या सीट बेल्ट लगाए दिखेगा उन्हें अनुपस्थिति माना जाएगा. इस संबंध में कर्मचारियों को सार्वजनिक रूप से सचेत किया जाएगा.
लखनऊ: यूपी में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब सरकारी कर्मचारियों को भारी पड़ सकती है. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार से शुरू हुए 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सरकारी कर्मचारियों को नया फरमान सुनाया है. इसके तहत सरकारी विभागों में हेलमेट और बिना सीट बेल्ट लगाकर आने वाले कर्मचारियों पर सख्ती बरती जाएगी.
मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किया है कि जो सरकारी कर्मचारी बिना हेलमेट या सीट बेल्ट लगाए दिखेगा उन्हें अनुपस्थिति माना जाएगा. उन्होंने निर्देश दिया कि इस संबंध में सभी कर्मचारियों को सार्वजनिक रूप से सचेत किया जाएगा. इसके साथ ही दफ्तर में चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाएंगे. बावजूद इसके अगर कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो उसकी हाजिरी नहीं लगेगी.
सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर
इसके लिए दफ्तरों में सुरक्षाकर्मियों को खास निर्देश दिए गए हैं जो इस पर नजर रखेंगे. इसके अगवा सीसीटीवी की मदद से भी उनकी निगरानी की जाएगी. मुख्य सचिव ने कहा कि आए दिन होने वाले सड़क हादसे को देखते हुए ये कदम उठाया गया है. राज्य सरकार लगातार इसे लेकर काम कर रही है. सड़क हादसों में कई बार हेलमेट या सीट बेल्ट नहीं पहनने जैसी लापरवाही की वजह से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है. पिछले कुछ सालों में यातायात के साधनों के बढ़ने के साथ इस तरह की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है.
मुख्य सचिव ने कहा कि इस तरह की घटनाए सरकार के चिंता का सबब हैं. ऐसे में लोगों को जागरुक करना बेहद जरुरी है. कई बार देखा गया है कि सरकारी दफ़्तरों के कर्मचारी भी सड़क सुरक्षा नियमों में लापरवाही बरतते हैं. सरकार इस प्राथमिकता के साथ काम कर रही है लोगों के ट्रैफिक नियम मानने के लिए जागरुक किया जाए. उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा से संबंधित इस तरह के आयोजन आगे भी किए जाते रहेंगे.
साभार - एबीपी न्यूज
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