शिक्षक अपनी प्रतिभा लगन निष्ठा और मेहनत के बल पर अपने विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए काम करता है : कृष्णकांत
दुबहर, बलिया। एक शिक्षक अपनी सारी उम्र विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में शिक्षित करने के साथ ही उन्हे समाज में मर्यादा एवं सिद्धांत पूर्वक जीवन निर्वाह करने की शिक्षा देता है। लेकिन जब वह अवकाश प्राप्त कर अकेले में जीवन निर्वाह करता है तो उसे एकाकीपन महसूस होता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर मंगल पांडे विचार मंच के लोगों ने आज एक ऐसे ही शिक्षक को खोज निकाला और उन्हें सम्मानित भी किया जिसकी उन्हे कल्पना नहीं थी।
जी हां हम बात कर रहे हैं दुबहर गांव निवासी शिवजी यादव की जिन्होंने महर्षि दयानंद स्कूल में बतौर अध्यापक की हैसियत से पूरी लगन और निष्ठा से बच्चों को पढ़ाया। आज उन्हीं के द्वारा पढ़ाए गए अनेक विद्यार्थी ऊंचे ऊंचे पदों को सुशोभित कर रहे हैं। लेकिन शिवजी यादव अकेले एक संत की भाति एक पेड़ के नीचे कुटिया डालकर अपने 80 वर्ष की अवस्था में अपने आसपास के लोगों को अपने स्वभाव और गुण के अनुसार मर्यादा और संस्कार का पाठ बराबर पढ़ रहे हैं। मंगल पांडे विचार मंच ने शिक्षक दिवस के अवसर पर उनके कुटिया पर पहुंचकर उन्हें अंग वस्त्रम स्मृति चिन्ह एवम अन्य सामग्री से सम्मानित किया।
इस मौके पर मंगल पांडे विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक ने कहा कि संसार में शिक्षक ही एक ऐसा प्राणी है जो अपनी प्रतिभा लगन निष्ठा और मेहनत के बल पर अपने विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए काम करता रहता है। शिवजी यादव उसके साक्षात उदाहरण हैं एक प्राइवेट विद्यालय में अल्प वेतन पर लंबे समय तक शिक्षा देने वाले शिवजी यादव बगैर पेंशन के अपना जीवन एक संत की भाति जी रहे हैं। इन्होंने कभी अपने आदर्श और सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं किया बल्कि उम्र के इस पड़ाव में भी समाज के बेहतरीन और मजबूती के लिए प्रयास करते रहते हैं। कहा कि ऐसे समर्पित शिक्षक को मंगल पांडे विचार मंच सलाम करता है।
इस मौके पर मुख्य रूप से कृष्णकांत पाठक, अरुण कुमार, विवेक सिंह, नितेश पाठक, अभिषेक चौबे, रणजीत सिंह, रमेश चंद्र गुप्ता, गणेश जी सिंह, राजनाथ सिंह, पन्नालाल गुप्ता, ओमप्रकाश त्रिपाठी, धीरज यादव आदि लोग रहे।
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