बलिया : "चरणदास चोर नाटक का सफल प्रदर्शन : विश्वविद्यालय में संस्कृति की झलक"


बलिया। उत्तर मध्य क्षेत्र के सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज एवम् जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 30 दिवसीय नाट्य कार्यशाला के समापन पर 17 सितंबर, दिन मंगलवार, को सुबह 11 बजे जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के जयप्रकाश नारायण सभागार में "चरणदास चोर" नाटक का मंचन किया गया। प्रख्यात नाटककार हबीब तनवीर द्वारा लिखित इस नाटक को निर्देशित किया जनपद के मशहूर रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी जी ने।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० संजीत गुप्ता उपस्थित रहें। कुलपति ने नाटक कर रहे छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि "विश्वविद्यालय परिसर छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण स्थान होता है और रंगमंच उसके एक बेहतरीन माध्यमों में से एक है"।


इस नाटक में चरणदास चोर चोरी करके भाग रहा है। पुलिस को चकमा देकर वह एक मठ में घुस जाता है। मठ के पुजारी गुरुजी के पूछने पर वह चोरी की बात कबूल कर लेता है। गुरुजी उसे चोरी छोड़ने को कहते हैं, लेकिन चरणदास नही मानता, वो पुजारी को अपना गुरु बनाने की इच्छा जाहिर करता है। चरणदास अपने गुरु को पांच वचन देता है जिसमे आजीवन झूठ न बोलना भी शामिल होता है। जिसे आगे चलकर वो पूरा भी करता है, उसकी इस सच्चाई के कारण आगे उसकी हत्या भी कर दी जाती है।


इस नाटक में चरणदास चोर की भूमिका में अनुपम पांडेय तथा रानी की भूमिका में श्रुति ने बेजोड़ अभिनय किया। इनके साथ ही रितेश पासवान, राहुल चौरसिया, दूधनाथ यादव, अभिषेक मिश्रा, जन्मेजय वर्मा, अंकुर पांडे, अखिलेश मिश्रा, राधा, रचना, वंदना, अफसाना, ऋषभ कुमार, विशाल, आलोक कुमार, आदित्य शाह, संग्राम और प्रीतम का भी अभिनय सराहनीय रहा। नाटक में संगीत आनंद कुमार चौहान ने दिया जबकि मेकअप और कॉस्ट्यूम डिजाइन युवा रंगकर्मी ट्विंकल गुप्ता ने किया। नाट्य परिकल्पना और निर्देशन आशीष त्रिवेदी जी का रहा।


इस अवसर पर सभागार में अकादमिक निदेशक डॉ० पुष्पा मिश्र, कुलानुशासक डॉ० प्रियंका, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ० अजय चौबे, संयोजक रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट सेल डॉ० विनीत सिंह, थियेटर सेल के सभी सदस्य, सभी प्राध्यापकगण एवम छात्र उपस्थित रहें।


इस कार्यशाला की संयोजिका डॉ० सरिता पाण्डेय ने सभागार का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सबसे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे परम आदरणीय माननीय कुलपति महोदय जी को धन्यवाद दिया, जिनके सफल मार्गदर्शन और समय समय पर दिए गए प्रोत्साहन के बिना यह संभव नहीं था।


NCZCC के पूर्व निदेशक प्रो० सुरेश शर्मा जी एवम् वर्तमान निदेशक श्री आशिस गिरि जी का, कार्यशाला के प्रशिक्षक एवम् निर्देशक श्री आशीष त्रिवेदी जी का धन्यवाद ज्ञापन किया और आखिरी में यह कहा कि "रंगमंच कभी खत्म नहीं होता, बस नए रंगों के साथ फिर से शुरू होता है"। कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्र कल्याण संकाय एवम् छात्र परिषद के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।



Comments