रंगमंच पर जीवंत हुआ बलिया का बागी इतिहास

*"क्रांति 1942@ बलिया” नाटक में साहस और बलिदान की दिखी अद्भुत मिसाल*

बलिया। साहस और बलिदान का अद्भुत मिसल दिखा "क्रांति 1942@ बलिया नाटक में "में। लगभग 90 मिनट की प्रस्तुति के बाद दर्शक देर तक खड़े होकर ताली बजाते रहे। बलिया बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर कलेक्ट्रेट स्थित गंगा बहुद्देशीय सभागार में आशीष त्रिवेदी द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक क्रांति 1942@ बलिया का मंचन किया गया।



संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया के रंगकर्मियों ने 1942 की क्रांति में बलिया की भूमिका को शानदार तरीके से मंच पर प्रस्तुत किया। प्रस्तुति के दौरान कई बार दर्शक और कलाकार एकाकार होते नजर होते दिखे। मंच से जब क्रांतिकारी नारा लग रहा था तो दर्शकों ने भी उसमें अपनी आवाज़ मिलाई। 18 अगस्त 1942 में हुए बैरिया शहादत, 16 अगस्त को बलिया सब्जी मंडी में गोली कांड जैसे दृश्य को देख कर दर्शक उद्वेलित हो उठे। जानकी देवी के नेतृत्व में बलिया कलेक्ट्रेट पर महिलाओं ने जब तिरंगा फहराया तो दर्शक दिर्घा तालियों से गूंज गया। 19 अगस्त 1942 को क्रांति मैदान से आजादी की घोषणा हुई तो भृगु बाबा की जयघोष से गंगा बहुउद्देशीय सभागार गूंज उठा। 


भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ एवं संकल्प साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 45 दिवसीय प्रस्तुतिपरक अभिनय प्रशिक्षण कार्यशाला में 35 कलाकारों को प्रशिक्षित कर इस नाटक के लिए तैयार किया गया। नाटक में आनंद कुमार चौहान, अनुपम पांडेय, राहुल चौरसिया, ऋतिक, जन्मेजय, सुशील, ओमवीर, मौसम, ऋषभ, यश, आलोक यादव, आदित्य शाह, संग्राम, अवधेश मौर्य, लकी पांडेय, रिया, खुशी कुमारी, राजनंदिनी, भाग्यलक्ष्मी, गुड़िया, शालिनी, राहुल विश्वकर्मा, रवि, दूधनाथ यादव, संजीत, विशाल की भूमिका सराहनीय रही। नाटक को शैलेन्द्र मिश्र और कृष्ण कुमार यादव मिट्ठू ने संगीत से सजाया। पार्श्व गायन रितेश पासवान ने किया।‌


लाइट राजीव राय, साउंड पर  विनय, और रौशन की भूमिका रही। सह निर्देशक ट्विंकल गुप्ता और इस नाटक का लेखन और निर्देशन किया आशीष त्रिवेदी ने। कार्यक्रम की शुरुआत में पर्यावरण विद डॉक्टर गणेश पाठक, रंगकर्मी अभिषेक पंडित, जिला विकास अधिकारी, शुभ पांडे अखिलेश राय,  वंदना गुप्ता इत्यादि ने दीप प्रचलन कर शुभारंभ किया।नाटक की समाप्ति के  बाद सभी कलाकारों को प्रतीक चिन्ह देकर के सम्मानित किया गया। संचालन उमेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान गंगा बहुउद्देशीय सभागार का हाल लगभग पूरी तरह से भर गया था। 


इस अवसर पर डॉ इफ्तिखार खान, चंद्रशेखर मैराथन समिति के उपेंद्र सिंह, अतुल राय, प्रदीप यादव, रजनीश पांडेय, अंबा दत्त, पांडे प्रशांत पांडे अली अहमद संगम, शशिकांत पांडेय, डॉ. विश्वरंजन सिंह, डॉक्टर अखिलेश सिन्हा, श्वेतांक,  डॉ मंजीत सिंह इत्यादि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।



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