बलिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने 158 शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों के खिलाफ नो वर्क नो पे के तहत कार्रवाई किया है। इसमें 13 प्रधानाध्यापक, 60 सहायक अध्यापक, 66 शिक्षामित्र और 19 अनुदेशक शामिल है। एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई से विभागीय गलियारे में हड़कम्प मच गया है। बीएसए ने सम्बंधित शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों से सात कार्य दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण सुसंगत साक्ष्यों सहित अपने खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कहा है कि समयांतर्गत व संतोषजनक स्पष्टीकरण न होने की दशा में विचार नहीं किया जायेगा।
बीएसए ने बताया कि महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय समग्र शिक्षा विद्याभवन निशातगंज लखनऊ द्वारा विद्यालयों के नियमित निरीक्षण एवं कार्यक्रमों की प्रगत्ति की अनुश्रवण किए जाने को लेकर निर्गत आदेश के अनुपालन में खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक, जनपद एवं ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स के अधिकारियों द्वारा प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बिना किसी सूचना के 158 अध्यापक, शिक्षामित्र तथा अनुदेशक अनुपस्थित मिले। यह कृत्य घोर लापरवाही का द्योतक है। कर्तव्य के प्रति उदासीनता का परिचायक है, जो अक्षम्य है। इन सभी के खिलाफ नो वर्क नो पे के तहत कार्रवाई की गई है।
बीएसए मनीष कुमार सिंह ने बताया कि सम्बन्धित प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक भी यह स्पष्ट करेंगे कि विद्यालय में बार-बार अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कार्मिकों के सम्बन्ध में उनके द्वारा पूर्व में क्या कार्यवाही की गयी ? सम्बन्धित कार्मिक यदि उक्त दिवस पर मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत अवकाश पर थे तो इस सूचना का अंकन विद्यालय रजिस्टर में अवकाश रिफरेन्स नम्बर के साथ क्यों नहीं किया गया ? अन्यथा की स्थिति में अधीनस्थ पर प्रभावी पर्यवेक्षणीय नियंत्रण न रख पाने के दृष्टिगत उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
बीएसए ने सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि प्राविधानानुसार अनुपस्थिति तिथि का वेतन/मानदेय काटौती के सम्बन्ध में मानव सम्पदा के सर्विस बुक पर अनिवार्य रूप से अंकित करें। साथ ही ऐसे कार्मिक जो 03 या 03 से अधिक बार अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये है, उनके विरुद्ध कार्यवाही हेतु आख्या एक सप्ताह के भीतर अधोहरताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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