बलिया : स्वर्णाक्षरों में दर्ज है बलिया का इतिहास : दयाशंकर


काकोरी कांड के शताब्दी वर्ष पर परिवहन के नेतृत्व में निकाली गई तिरंगा रैली 

बलिया। काकोरी कांड के शताब्दी वर्ष पर  मंगलवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के संयोजकत्व में आयोजित तिरंगा यात्रा को प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने नारायणी स्थित कैंप कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 



इस दौरान मंत्री दयाशंकर सिंह खुद बाइक से रैली में भी शामिल हुए। रैली भाजयुमो के उपाध्यक्ष व यात्रा के संयोजक अभिषेक सिंह सूरज के नेतृत्व में निकली जिसमें सैकड़ों की संख्या में युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तिरंगा लेकर शहर का भ्रमण किया। यात्रा जापलिनगंज, चौक होते हुए शहीद पार्क, टीडी कालेज, कुंवर सिंह से होकर कदम चौराहा स्थित मंगल पांडेय की प्रतिमा पर आकर संपन्न हुआ। इस दौरान शहीद पार्क चौक में लोगों ने अमर सेनानियों को नमन किया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि काकोरी कांड के शताब्दी वर्ष में पूरे प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में बलिया में भी तिरंगा यात्रा निकाली गई है। देश की आजादी में सबसे पहले बलिया 1942 में आज़ाद हुआ था जिससे इस बागी जिले का इतिहास आज भी स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। तिरंगे का मान सम्मान सबसे पहले बलिया के लाल मंगल पांडेय ने ही बढ़ाया था जिसकी वजह से पूरा अंग्रेजी साम्राज्य हिल गया था। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि देश की आन-बान व अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी युवाओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी तभी भारत सशक्त बनेगा। 




कार्यक्रम में भाजयुमो के जिलाध्यक्ष अश्विनी सिंह लिटिल, भाजपा नगर अध्यक्ष घनश्याम दास जौहरी, धर्मेंद्र सिंह, पूर्व प्रमुख गुड्डू राय, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष संजय मिश्रा, पीयूष चौबे, विश्वजीत तिवारी, रिंकू दुबे, दीनबंधु मौर्या आदि मौजूद रहे।




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