बलिया : प्रेमचंद की मशहूर कहानी सवा सेर गेहूं का मंचन देख दर्शकों की आंखें हो गईं नम


बलिया। जमींदार के दरवाजे पर तड़प कर मर गया शंकर। बाप मर गया तो बेटा चुकाएगा सूद। सवा सेर गेहूं का सूद बढ़कर हुआ पांच मन। प्रेमचंद की मशहूर कहानी सवा सेर गेहूं का मंचन देख दर्शकों की आंखें नम हो गईं। नाटक के अंतिम दृश्य ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया जब सूद के बदले जमींदार के दरवाजे पर शंकर तड़प कर मर गया और जमिंदार कहता है कि बाप मर गया तो बेटा सूद चुकाएगा। 


संकल्प साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या पर कलेक्ट्रेट स्थित ड्रामा हाल में मंगलवार को देर शाम आयोजित प्रेमचंद जयंती समारोह में एक्सप्रेशन कल्चरल सोसाइटी बलिया द्वारा इस नाटक की प्रस्तुति की गई। नाटक का निर्देशन किया राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय वाराणसी से प्रशिक्षित युवा रंगकर्मी ट्विंकल गुप्ता ने। संगीत से सजाया आनन्द कुमार चौहान ने। नाल वादन किया अनुपम पाण्डेय ने। नाटक में राहुल चौरसिया, रितेश पासवान, रिया वर्मा, गुड़िया चौहान, दूधनाथ यादव, राम, आदित्य, ऋतिक, अवधेश, राहुल शर्मा, मौसम, सुशील ने अपने शानदार अभिनय से मंत्रमुग्ध कर दिया।   


नाट्य प्रस्तुति से पूर्व उपस्थित अतिथियों ने प्रेमचंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। तत्पश्चात प्रेमचंद द्वारा लिखित महाजनी सभ्यता का पाठ हुआ और उस पर परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा में एडवोकेट अजय पाण्डेय ने कहा कि महाजनी सभ्यता यानी पूंजीवादी व्यवस्था में में व्यक्तिवादी सोच हावी हो जाती है। दुनिया के सारे रिश्ते नाते पैसे पर आकर टिक जाते हैं। मानवीय संवेदनाएं खत्म हो जाती है। 


डाक्टर मनजीत सिंह ने कहा कि महाजनी सभ्यता ने हमारे समाज से संवेदनाओं को खत्म कर दिया है। इस सभ्यता ने सारे रिश्ते को व्यवसाय से जोड़ दिया है। समाज को दिशा दिखाने वाले लोग भी इस व्यवस्था के शिकार हैं। डा0 राजेंद्र भारती ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। उपेन्द्र सिंह, उमेश सिंह, डाक्टर  संतोष सिंह, नेहा आचार्य, वन्दना गुप्ता, कादम्बिनी सिंह। इस अवसर पर अरविंद गुप्ता, डॉक्टर इफ्तेखार खां, स्मिता, स्नेहलता, युवा गायक शैलेंद्र मिश्र, कृष्ण कुमार यादव मिट्ठू, आशुतोष यादव, जन्मेजय, राजनंदिनी, लकी पांडेय, भाग्यलक्ष्मी, खुशी, रवि इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. गणेश पाठक संचालन संकल्प सचिव आशीष त्रिवेदी ने किया।



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