कौशल विकास से जुड़कर युवा बनें आत्मनिर्भर : डॉ0 नवचंद्र तिवारी


बलिया। जनसंख्या के मामले में अब भारत चीन को भी पछाड़कर विश्व में प्रथम हो चुका है। बढ़ती जनसंख्या के सापेक्ष पर्याप्त रोजगार की उपलब्धता बहुत बड़ी चुनौती है। अतः युवाओं में कौशल विकास को प्रोत्साहित व उन्हें रोजगार योग्य बनाने के प्रयास को बढ़ावा देने के निमित्त संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 15 जुलाई 2014 को 'विश्व युवा कौशल दिवस' के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया था। तब से इसे प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से समय की मांग के अनुसार  उद्यमिता हेतु युवाओं के विकास के मार्ग में आशानुरूप सकारात्मक परिवर्तन संभव है। 

शिक्षक व साहित्यकार डॉ नवचंद्र तिवारी ने आगे बताया कि इसी दिन प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की भी शुरुआत की गई थी। 2024 में इसकी थीम 'शांति व विकास के लिए युवा कौशल' रखा गया है। एक पढ़ा-लिखा युवा बेरोजगार होकर जीवन के उद्देश्य से न भटके। उसे बेहतर अवसर मिले। उनके लिए यह प्रयास किसी मंत्र से काम नहीं है। नित नए बदल रहे तकनीक के युग में आज शासन द्वारा कौशल विकास के कार्यक्रम को चलाकर युवा विज्ञान, कला, प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्हें स्वरोजगार हेतु ऋण दिया जाता है। निजी कंपनियां भी रोजगार मेला लगाती हैं। 

आज दुनिया अन्य ग्रहों पर स्थापित होने की अथक प्रयास कर रही है। हमारा देश पहले भी विश्व गुरु था। आज समग्र विश्व पटल पर तकनीकि व विज्ञान के क्षेत्र में भी इस देश को गुरु बनाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। निजी क्षेत्रों में तो तकनीक का ही बोलबाला है। अब स्मार्ट वर्क सिर चढ़कर बोल रहा है। ए आई हर कहीं दस्तक दे चुका है। अतः प्रत्येक युवा अपने-अपने क्षेत्र में कार्य के कौशल को आधिकाधिक आत्मसात करे।



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