यूपी : कुर्सी जाने की अफवाहों के बीच सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बैठक में किए ये 4 बड़े फैसले


लखनऊ। यूपी में लोकसभा चुनाव नतीजों में निराशाजनक प्रदर्शन और अब प्रदेश भाजपा में मचे घमासान के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा आज बुलाई गई अहम बैठक में क्या चर्चा हुई, इसका खुलासा हो गया है।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से चल रही ‘कथित प्रतिद्वंद्विता’ के बीच सीएम योगी ने अपनी सुपर 30 टीम के सामने चार बड़े मुद्दों पर चर्चा की और इसे कैसे लागू किया जाए, इस पर भी गहन चर्चा की।

1. पीडीए फॉर्मूले पर चर्चा : दरअसल, समाजवादी पार्टी की ओर से सोशल इंजीनियरिंग का नया फॉर्मूला निकाला गया, जिसके तहत पीडीए फॉर्मूला अपनाया गया। पीडीए फॉर्मूला यानी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक फॉर्मूला…लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए यह फॉर्मूला शानदार तरीके से काम आया। नतीजतन, सपा को लोकसभा चुनाव में अच्छा फायदा मिला। अब पार्टी 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के साथ-साथ 2027 के विधानसभा चुनाव तक इसे और धार देना चाहती है। भाजपा भी इस फॉर्मूले पर जोर-शोर से और गहराई से काम करना चाहती है।

2. सभी वर्गों तक अपनी पहुंच : दरअसल, पार्टी के अंदर कहा जा रहा है कि किसी न किसी स्तर पर पार्टी के नेता अपने कार्यकर्ताओं तक पहुंच बनाने से दूर रहे हैं। इसका खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव नतीजों में भी देखने को मिला है। माना जा रहा है कि कार्यकर्ता भी पार्टी से नाराज दिख रहे हैं। खासकर अयोध्या सीट का जिक्र भी इसमें काफी अहमियत रखता है।

3. उपचुनाव की 10 विधानसभा सीटों पर जीत : उपचुनाव की 10 विधानसभा सीटों पर जीत के लिए बनी रणनीति- उत्तर प्रदेश की फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी सीटों के विधायक इस बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं, जबकि दसवीं सीट सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी पर आपराधिक मुकदमा होने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने से खाली हुई है। अब पार्टी का लक्ष्य इन सीटों को किसी भी तरह से जीतना है। ऐसे में इस बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई।

4. इण्डिया गठबंधन का भ्रम तोड़ने की कोशिश : लोकसभा चुनाव में इण्डिया गठबंधन को देश ही नहीं बल्कि यूपी में भी काफी बढ़त हासिल हुई थी। यूपी की 80 सीटों में से गठबंधन ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में भारत गठबंधन आगामी चुनाव को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहा है। इसमें सपा का पीडीए फॉर्मूला भी काम आ सकता है और उन्हें फायदा पहुंचा सकता है, ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि पीडीए जैसा सकारात्मक अभियान चलाकर हर वर्ग से वोट हासिल किया जाए और भारत गठबंधन का मिथक तोड़ा जाए।



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