पावन अवसर आ रहा है हो विवेक का ध्यान।
हर वोट देश का कीमती ना छूटे मतदान।
ना छूटे मतदान है हाथ तुम्हारे बाजी।
लोकतंत्र के हित में तुम कर लो सबको राजी।
बटन दबाकर उंगली से दें दुनिया को संदेश।
फिर से विश्व गुरु का इसको पहनायें गणवेश।
देश ये अपना चमकेगा बदलेगी तस्वीर।
नई सोच से 'नवचन्द' अब होना है गंभीर।
डॉ0 नवचन्द्र तिवारी ✍️
बलिया (उ.प्र.)
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