घटते जल स्रोतों, शुद्ध पेय जल की बढ़ती किल्लतें, बढ़ते जल प्रदूषण और उनके दुष्प्रभाव, जल संरक्षण पर जन जागरूकता हेतु एक विशेष काव्य प्रस्तुति :-
1. जल है तभी सजीव सृष्टि है
जल ही जीवन का आधार
जल है तभी हमारा कल है
करो सुरक्षित जल भंडार ।।
2. जल है तभी सुवाहित नदियां
झरनों में है अमृत धार
ताल, तलैया, कूप, बावड़ी
झील, सरोवर में रसधार ।।
3. जल से ही जीवन सुखमय है
चारों तरफ है दृश्य बहार
वन, वृक्ष सब जीव जंतु में
जल करता जीवन संचार ।।
4. दिन प्रति दिन जल सूख रहा है
घटा जा रहा जल भंडार
सूखाकाल की बढ़ती तीव्रता
सारी सृष्टि पर पड़ती मार ।।
5. नदियों का जल सूख रहा है
सूख रहे झरने, कासार
ताल, तलैया, कूप सूखते
जल बिन होगी सृष्टि लाचार।।
6. अंधाधुंध विदोहन से अब
भौगर्भिक जल नीचे जाता
सतही जल स्रोतों में भी अब
घातक जहर, रसायन जाता।।
7. बड़े बड़े कल कारखानों ने
भौगर्भिक जल सोख लिए हैं
ऊपर की नदियों झीलों में
दूषित कचरा मिला दिए हैं ।।
8. सूखी नदियां, झील, ताल सब
गिनते अपनी अंतिम सांस
शहरों का दूषित जल कचरा
अमृत जल का करता नास ।।
9. बोतल में है पानी बिकता
वो भी ऊंचे, मंहगे दाम
कंपनियों की चांदी कटती
जन जन में मचता कोहराम।।
10. बढ़ी आबादी, बढ़ा विदोहन
जल स्रोतों पर बोझ बढ़ा
बढ़ाके तीव्र जलीय प्रदूषण
पतनोन्मुख संसार खड़ा ।।
11.जल बिन धरती बंजर होगी
सूखेगी खेती खलिहानी
बारंबार अकाल पड़ेंगे
बादल भी न देंगे पानी ।।
12. जीव जंतु सब तड़प मरेंगे
वनों का होगा महा विनाश
जलाभाव में सारी सृष्टि का
हो जायेगा सत्यानाश ।।
13. त्राहिमाम चहुओर मचेगा
कहीं न होगी अमृत धार
ऐसी मानव की अधमाई
मच जाएगा हाहाकार ।।
14. जलयुद्ध भी निश्चित होगा
महाविनास का बनेगा कारण
भूखे प्यासे लोग लड़ेंगे
कुछ भी न होगा निस्तारण ।।
15. अभी से जागो, देर करो न
करो सुरक्षित जल भंडार
जल स्रोतों में जहर न डालो
जिसपर निर्भर है संसार ।।
16. शहरों का दूषित जल,कचरा
नदियों, झीलों में न डाल
सोधित करो प्रदूषित जल को
नहीं तो होंगे सब कंगाल ।।
17. करो सुरक्षित ताल तलैया
रहे झील, झरनों में पानी
लबालब्ब भर जाए सरोवर
कूपों में हो निर्मल पानी ।।
18. रोको कचरा और रसायन
दूषित न कर पाएं पानी
डाल के कचरा अमृत जल में
कभी नहीं करना नादानी ।।
19. वर्षा का जल करो सुरक्षित
भर दो धरा का जल भंडार
ताल, पोखरे, झील, कूप से
बढ़ता है जल का आधार ।।
20. जल होगा तो जीवन होगा
होंगी खुशियां अपरंपार
हरी भरी धरती मां होंगी
सुखमय होगा यह संसार ।।
21. आओ चलो संकल्प है करते
धरती को जल से हैं भरते
कभी नहीं होगा आकाल
हर जीवन होगा खुशहाल ।।
सुनील कुमार यादव
जिला मलेरिया अधिकारी, बलिया।
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