बलिया : अभिनय प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन पर रंग कविता जनगीत एवं लोकगीतों की प्रस्तुति


बलिया। संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बालिया द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित ड्रामा हाल में पिछले एक महीने से अभिनय प्रशिक्षण कार्यशाला चल रहा था। 5 मई  को कार्यशाला के समापन पर ड्रामा हाल में प्रशिक्षित कलाकारों द्वारा हिंदी की प्रतिनिधि कविताओं जिसमें उदय प्रकाश की कविता 'बचाओ' केदारनाथ सिंह की कविता 'पानी' राजेश जोशी की कविता 'बच्चे कम पर जा रहे हैं' रामाशंकर यादव विद्रोही की कविता 'औरतें' की रंग प्रस्तुति की गई। इसके अलावा वशिष्ठ अनूप का लिखा जानगीत 'इसलिए राह संघर्ष की हम चुने जिंदगी आंसुओं में नहाई ना हो' साहिर लुधियानवी का मशहूर नज़्म 'वो सुबह कभी तो आएगी' की प्रस्तुति की गई। इसके अलावा परंपरागत लोकगीत 'आज जनकपुर में मड़वा' की भी प्रस्तुति की  गई। बतातें चले की एक महीने तक संकल्प की युवा रंगकर्मी में ट्विंकल गुप्ता ने बच्चों को अभिनय की बारीकियां से परिचय कराया। 


ट्विंकल गुप्ता राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय वाराणसी से प्रशिक्षित हैं। उनके निर्देशन में बच्चों ने अभिनय के विभिन्न पहलुओं को जाना प्रस्तुति के दौरान जनपद के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ जनार्दन राय, साहित्यकार रामजी तिवारी, शिवजी पांडेय रसराज, टाउन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर अखिलेश सिन्हा, एडवोकेट रणजीत सिंह, समीर पांडेय, श्वेतांक सिंह, वंदना गुप्ता, गायक कृष्ण कुमार यादव मिट्ठू, अरविंद गुप्ता, अभिनव पाठक इत्यादि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे। 


प्रस्तुति में आदित्य साह, रिया, भाग्यलक्ष्मी, आयुषी तिवारी लकी पांडेय, मौसम, सुशील केसरी, खुशी, राहुल चौरसिया, अनुपम पांडेय, आलोक यादव, जन्मेजय वर्मा, ईशान पाठक, दूधनाथ यादव, रोशन पासवान, राहुल शर्मा ने प्रतिभाग किया। संगीत आनन्द कुमार चौहान का, मंच सज्जा ऋषभ एवं शुभम द्विवेदी का रहा। संकल्प के सचिव आशीष त्रिवेदी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। संस्था द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं मैडल देकर के सम्मानित किया गया।




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