पठानकोट। पठानकोट हाईवे पर पड़ते एरिया कानपुर में सोमवार सुबह तीन सगी बहनों की लाश घर के बाहर ही एक लोहे के ट्रंक में बंद मिली। तीनों बहनें बीते दिन से लापता थीं। तीनों के लापता होने की शिकायत भी मकान मालिक ने पुलिस में दर्ज करवाई थी। सोमवार सुबह घर के बाहर ट्रंक से लाशें बरामद हुईं।
जालंधर से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक व्यक्ति ने अपनी तीन बेटियों को मौत के घाट उतार दिया। पठानकोट हाईवे पर पड़ते एरिया कानपुर में सोमवार सुबह तीन सगी बहनों की लाश घर के बाहर ही एक लोहे के ट्रंक में बंद मिली।
तीनों बहनें बीते दिन से लापता थीं। तीनों के लापता होने की शिकायत भी मकान मालिक ने पुलिस में दर्ज करवाई थी।
नशे में रहता है पिता
रविवार देर रात पुलिस मौके पर आई थी और मोहल्ले वालों के साथ बच्चियों को ढूंढा भी था, लेकिन किसी का कोई अता-पता नहीं चला था। मोहल्ले वालों ने आरोप लगाया कि बच्चियों का पिता नशे का आदी है। शराब के नशे में चूर रहता है और उसी ने यह हत्याएं की हैं। बच्चियों की उम्र 4 से 9 साल के बीच है।
जिस घर से बच्चियां गायब थी, सुबह लोगों ने उसी के बाहर एक ट्रंक पड़ा देखा। लोगों ने जब ट्रंक खोल कर देखा तो उसमें तीनों बच्चियों की लाशें पड़ी हुई थीं। पुलिस ने बच्चियों के पिता को हिरासत में ले लिया है।
काम पर गए थे माता-पिता
जानकारी के अनुसार, रविवार को गांव कानपुर में रहते प्रवासी श्रमिक व उसकी पत्नी काम पर गए थे। पीछे उनकी तीन बच्चियां अमृता कुमारी (9), साक्षी (7), कंचन (4) घर पर अकेली थी। रात करीब 8 बजे बच्चियों के परिजन घर पहुंचे तो तीनों बच्चियां घर पर नहीं थी, इसके बाद परिजनों ने बच्चों की तलाश शुरू की।
आसपास पता न चलने के कारण रात लगभग 11 बजे पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही एसपी मनप्रीत ढिल्लों, डी.एस.पी. करतारपुर बलबीर सिंह और थाना मकसूदां के एसएचओ सिकंदर सिंह पुलिस फोर्स सहित मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
प्रारंभिक जांच में मर्डर की पुष्टि नहीं
एसपी इनवेस्टीगेशन मनप्रीत ढिल्लों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मर्डर नहीं लग रहा। 6.30 बजे पुलिस ने घर में पहुंच कर जांच शुरू की, बच्चियों के शवों पर कोई घाव नहीं है।
प्रारंभिक जांच में संभावना है कि बच्चियां घर में अकेली थी और खेलते हुए ट्रंक में जा बैठी। संभव है कि ट्रंक का ढक्कन बंद हो गया और बच्चियों से नहीं खुला। घटना के हर पहलू को गहराई से जांचा जा रहा है। बच्चियों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे जा रहे हैं। पोस्टमार्टम में मौत के कारण स्पष्ट हो जाएंगे।
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