बलिया। डेंगू मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। विभाग ने डेंगू से लड़ने के लिए अस्पतालों में पूरे बंदोबस्त किए हैं। डेंगू को लेकर विभाग किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता है। इसके लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम के साथ ही सभी ब्लॉकों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए गए हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० विजय पति द्विवेदी ने दी। उन्होंने बताया कि संक्रामक रोगों के समुचित नियंत्रण, उपचार एवं जनसामान्य की सुविधा हेतु जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर कंट्रोल रूम 24 घंटे कार्य करेंगे।
*कंट्रोल रूम नंबर*
जिला मुख्यालय कंट्रोल रूम नंबर : 8865911854, 9455280838, 9170000085, 8005192638,
ब्लॉक मुख्यालय कंट्रोल रूम नंबर-
बैरिया 9415846059, बांसडीह 7905762407, बेलहरी 8809313242, बेरूवारबारी 8368771577, चिलकहर 8851950068, दुबहर 8860664178, गड़वार 7800423466, हनुमानगंज 8960060596, मनियर 9506095505, मुरलीछपरा 9334718694, नगरा 8542867522, नवानगर 9110111548, पंदह 8368217941, रसड़ा 7355994728, रेवती 9540537794, सियर 9839305825 एवं सोहाव 7518730224 है।
वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ. अभिषेक मिश्रा ने बताया कि डेंगू से प्रभावित ग्राम 120 है। प्रभावित ब्लॉक 17 और नगरीय वार्डो की संख्या 27 है। डेंगू से अभी तक किसी की मृत्यु नहीं हुई है । उन्होंने बताया की विभाग का पुरजोर प्रयास है कि मरीजों को उचित जांच व उपचार मिले। बुखार होने पर बिल्कुल न घबराएं, सही समय पर जांच और उचित उपचार करवाएँ।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त आदि। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांन्स टीम द्वारा निरोधात्मक कार्यवाही के साथ जनजागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, सोर्स रिडक्शन, ज्वर पीड़ित मरीजो के रक्त नमूनों की जाँच,ब्लीचिंग पाउडर, नालियों में लार्वी साइडल का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा जांच बेहद जरूरी है, जिससे डेंगू की पहचान होती है। एलाईजा जांच सदर अस्पताल बलिया के सेंटिनल लैब में निःशुल्क उपलब्ध है। यह जांच कोई भी व्यक्ति नि:शुल्क करा सकता है।
*मच्छर से करें बचाव :–*
– दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं;
– मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें;
– अनुपयोगी वस्तुओं में पानी जमा न होने दें;
– पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रखें;
– पूरी बांह वाली कमीज और पैंट पहनें;
– घर और कार्य स्थल के आसपास पानी जमा न होने दें;
– कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं;
– गड्डों में जहां पानी इकट्ठा हो, उसे मिट्टी से भर दें।
*बुखार होने पर क्या करें :–*
– बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार ही अपना उपचार करें;
– सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें;
– बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ओआरएस घोल, ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें। अपने से दर्द निवारक दवा का सेवन न करें और छोला छाप डॉक्टर से इलाज न करायें।
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