अनिल कुमार लाहोटी रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन चुने गए हैं. उन्होंने रेलवे के साथ 36 वर्षों के कार्यकाल में कई तरह के निर्माण करवाए. साथ ही नई और बेहतर नीतियां लाने का भी काम किया. आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से...
अनिल कुमार लाहोटी भारतीय रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और सीईओ चुने गए हैं. उन्होंने रेलवे बोर्ड के नये अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार ग्रहण कर लिया है. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 1 जनवरी 2023 से अनिल कुमार लाहोटी को अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है. उन्होंने 17 दिसंबर 2022 को रेलवे बोर्ड में सदस्य, इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में पदभार संभाला था.
1984 बैच के अधिकारी हैं अनिल कुमार लाहोटी
अनिल कुमार लाहोटी, इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इंजीनियर्स के 1984 बैच के अधिकारी हैं. उन्हें भारत सरकार द्वारा अनुमोदित इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस की लेवेल-17 के पहले पैनल में शामिल किया गया. अनिल कुमार ने माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, ग्वालियर से सिविल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ ग्रेजुएशन किया है और रुड़की विश्वविद्यालय (आईआईटी, रुड़की) से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग किया है.
36 सालों से ज्यादा रेलवे में काम किया
रेलवे में अपने 36 वर्षों से ज्यादा सेवा काल के दौरान अनिल ने मध्य, उत्तर, उत्तर मध्य, पश्चिम और पश्चिम मध्य रेल और रेलवे बोर्ड में विभिन्न पदों पर काम किया है. इससे पहले ये मध्य रेल के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और कई महीनों तक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था. महाप्रबंधक के रूप में उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा संख्या में किसान रेल चलाने और राजस्व के मामले में अब तक का सबसे अधिक माल और पार्सल यातायात (टन में) प्राप्त करने का श्रेय प्राप्त है.
रेलवे के राजस्व में सुधार के लिए किया काम
अनिल ने गैर-किराया, स्क्रैप की बिक्री और व्यापक टिकट जांच अभियान द्वारा राजस्व में रिकॉर्ड सुधार का कार्य भी किया है. उन्होंने मुंबई में वातानुकूलित उप-नगरीय सेवाओं के विस्तार के जटिल मुद्दे का सफलतापूर्वक परिचालन और समाधान किया है. उनके कार्यकाल के दौरान, मध्य रेल ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निष्पादन और कमीशनिंग में बड़े स्तर पर सुधार किया. मुंबई में दिवा और ठाणे के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित 5वीं और 6वीं लाइन की शुरुआत की.
यात्री सुविधाओं और स्वच्छता के लिए किया काम
लाहोटी ने मंडल रेल प्रबंधक, लखनऊ, उत्तर रेलवे के पद पर भी कार्य किया, जहां उन्होंने भीड़-भाड़ वाले गाजियाबाद-प्रयागराज-डीडीयू मार्ग के विकल्प के रूप में लखनऊ-वाराणसी-डीडीयू मार्ग पर माल ढुलाई में सुधार के लिए कई पहल की हैं. उन्होंने लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और स्वच्छता मानकों में सुधार के विशेष कार्य किये.उन्होंने लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने सहित बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए कई कार्य किए और भविष्य में यातायात में वृद्धि के लिए नेटवर्क क्षमता के विस्तार के महत्वपूर्ण कार्यों की मंजूरी के लिए व्यापक योजना बनाई.
दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल, अजमेरी गेट के पास बनवाया भवन
उत्तर रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) और मुख्य इंजीनियर (निर्माण) के रूप में लाहोटी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिये नई लाइनों, ट्रैक के दोहरीकरण और मल्टी-ट्रैकिंग, यार्ड रीमॉडेलिंग, महत्वपूर्ण पुलों, स्टेशन निर्माण आदि के कई कार्यों का निष्पादन किया. दिल्ली में आनंद विहार टर्मिनल’ और नई दिल्ली स्टेशन के प्रतिष्ठित ‘अजमेरी गेट’ साइड स्टेशन भवन की योजना और निर्माण कार्य कराया गया है. अनिल कुमार विश्व स्तर के स्टेशन के रूप में नई दिल्ली स्टेशन के पुनर्विकास और वाणिज्यिक विकास की योजना से भी जुड़े रहे.
रेलवे के विकास के लिए करते हैं नई नीतियों की पहल
रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अनिल कुमार लाहोटी ने विशेष रूप से परिचालन की गति बढ़ाने और उच्च एक्सल लोड की ढुलाई के लिए सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के रखरखाव, पुनर्वास और स्थायी मार्ग के उन्नयन पर कई नीतियों और योजनाओं की पहल की. उन्होंने ट्रैक रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ ट्रैक रखरखाव के पूर्ण मशीनीकरण के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया और उसे कार्यान्वित भी किया. समुचित शोध के पश्चात् उन्होंने उद्देश्य आधारित रखरखाव मानदंड तैयार किया और ट्रैक रखरखाव संगठन के लिए कम लागत रखरखाव मॉडल विकसित करने की पहल की है. उन्हें भारतीय रेलवे पर रेल ग्राइंडिंग मेंटेनन्स (रखरखाव) की विस्तृत योजना बनाने और इसके सफल कार्यान्वयन का भी श्रेय है.
इटली और यूएस में ली है अनिल कुमार लाहोटी से ट्रेनिंग
अनिल कुमार लाहोटी ने स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट (सामरिक प्रबंधन) और लीडरशिप प्रोग्राम (नेतृत्व कार्यक्रम) में कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी, पिट्सबर्ग, यूएसए, बोकोनी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मिलान, इटली, और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद से प्रशिक्षण लिया है. उन्होंने हांगकांग, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी और स्विटजरलैंड में स्टेशनों के विकास एवं रेलवे भूमि पर वाणिज्यिक विकास का अध्ययन किया है. उन्होंने ट्रैक प्रौद्योगिकी और ट्रैक अनुरक्षण मशीनों के विकास के सिलसिले में कई देशों का दौरा भी किया है.
साभार - आजतक
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