बलिया : सीफार के सहयोग से कालाजार मरीजों के लिए गठित सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क की हुई बैठक

 


सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों को कालाजार एवं फाइलेरिया के प्रति किया जागरूक 

जिला मलेरिया अधिकारी ने की बैठक की अध्यक्षता

बलिया। कालाजार बीमारी के लिए सीफार संस्था के सहयोग से मुरली छपरा ब्लॉक मे गठित लोकधाम ठेकहा सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों को कालाजार बीमारी के प्रति जागरूक करने एवं 10 फरवरी से चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान मे नेटवर्क के सदस्यों द्वारा पात्र लाभार्थियों को दवा खिलाने के लिए बृहस्पतिवार को मुरली छपरा ब्लॉक के ठेकहा गांव में जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी। 

बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी ने सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों को कालाजार रोग, उसके इलाज़, एवं सरकारी सहायता के बारे में जागरूक किया। साथ ही सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों में मच्छरदानी वितरित की गई। उन्होंने सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क से जुड़े लोगों को बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूंख नहीं लगना, खून की कमी, वजन घटना, त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण पाएँ जाएँ तो तत्काल अपने नजदीक के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय पर निःशुल्क जांच कराकर पूरा इलाज कराएं। उन्होंने बताया कि वीएल (बुखार वाला कालाजार) के केस में जिला अस्पताल एवं पीकेडीएल (चमड़ी वाला कालाजार) के केस में प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों का इलाज होता है। यह बीमारी एक बार ठीक होने पर लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है।

फाइलेरिया बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए कहा की यह बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर रुके हुए दूषित पानी में पनपते हैं। जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी खून के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं।

उन्होंने बताया कि जनपद में 10 फरवरी से एमडीए राउंड चलेगा।  फाइलेरिया रोग से बचने के लिए दवा का सेवन करने की आवश्यकता है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। यह दवा कुछ खा कर ही खानी है, साथ ही यह दवा स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही खानी है। उन्होंने यह भी कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अत्यन्त गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को यह दवा नहीं खानी है।

उन्होंने पेसेंट नेटवर्क के लोगों को बताया कि एमडीए राउंड में गाँव के लोगों और खासकर उन टोलों में जिनमें दवा खाने को लेकर मनाही है उन्हें किस तरह समझाएं इस पर संचार के तरीके बताए। इसके साथ ही अपने-अपने गाँव के प्रधान, कोटेदार को भी कैसे प्रोत्साहित करें। इस मौके पर फाइलेरिया मरीजों में एमएमङीपी किट का भी वितरण किया गया।

लोकधाम ठेकहा सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के 63 वर्षीय महेश बिन ने बताया की इस बैठक में आकर मुझे कालाजार के लक्षण, इलाज, एवं सरकारी सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी। इन सभी बातों को अपने गाँव के लोगों को जरूर बताऊंगा। ताकि वह भी इस बीमारी के प्रति सावधान रहे। 

आशादेवी, उम्र 48 बताती हैं कि उन्हें इस बैठक में फाइलेरिया जागरूकता पर बहुत अच्छी जानकारी मिली। उन्हें लगता है कि अब वह और आत्मविश्वास के साथ अपने गाँव के लोगों को ज्यादा से ज्यादा फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर सकेंगी। 10 फरवरी से चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में अपने गांव के लोगों के साथ ही अपने सगे संबंधियों, रिश्तेदारों को दवा खाने के लिए कहेगी।



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