किसी इंसान की कुंडली में अगर ग्रह कमजोर हो तो उसे रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है. रत्नों को धारण करने से काफी परिवर्तन देखने को मिलते हैं.
ज्योतिष की तरह रत्न शास्त्र का भी इंसान की जिंदगी में काफी महत्व है. हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है. रत्न शास्त्र में 12 रत्न और उनके उपरत्नों के बारे में जानकारी दी गई है. अगर किसी जातक के कुंडली में ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में होता है तो उसे उसके अनुसार, रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. ऐसे ही अगर किसी की कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर स्थिति में होता है तो उसे मूंगा पहनने को कहा जाता है. मूंगा रत्न लाल, सिंदूरी, गेरुआ, काले और सफेद रंग का होता है.
मांगलिक दोष : किसी व्यक्ति की कुंडली में को पूर्ण मांगलिक दोष है तो इससे छुटकारा पाने के लिए उसे मूंगा रत्न पहनना चाहिए. वहीं, अगर किसी के कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर स्थिति में हो तो उसे भी मूंगा रत्न धारण करना चाहिए. इसको धारण करने से मंगल ग्रह से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होती हैं.
चमत्कारिक रत्न : मूंगा रत्न के विशेष चमत्कारिक लाभ है इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति सभी प्रकार के मांगलिक दोष और समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. मूंगा को काफी चमत्कारिक रत्न माना गया है. इसको धारण करने से भाग्योदय होता है और जातक को शुभ फल की प्राप्ति होने लगती है.
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक : मूंगा रत्न को स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी चमत्कारिक रत्न माना गया है. इससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. वहीं, इससे कई तरह की अन्य समस्यायों से भी निजात मिलती है.
ऐसे करें धारण : मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है. ऐसे में इस राशि के जातकों को मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. मूंगा को सोने, चांदी या तांबे की अंगूठी में बनवा कर पहनें. वहीं, दाएं हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करें.
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.
साभार- जी न्यूज
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