वाराणसी। विश्वविख्यात संत और अघोर-परंपरा के सरल, सहज और सुंदरतम रुप को जन-जन तक पहुंचाने वाले महान संत अघोरेश्वर महाप्रभु उर्फ़ अवधूत भगवान राम जी का 30वां 'महानिर्वाण दिवस' 29 नवंबर को पूरी दुनिया में आस्था, विश्वास और भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। अघोर परंपरा के मानवीय स्वरुप को सीधा जन-सरोकार के रुप में स्थापित करने वाले अघोरेश्वर महाप्रभु को उनके अनुयायियों ने अपने-अपने तरीक़े से श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इसी कड़ी में वाराणसी स्थित अघोर-परंपरा के विश्वविख़्यात अघोरपीठ, 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' में भी अनेकों कार्यक्रम संपन्न हुए। क्रीं-कुण्ड' आश्रम परिसर में स्थित अघोरेश्वर महाप्रभु की समाधि पर, देश-विदेश से आए, श्रद्धालुओं का सुबह से ही ताँता लगा रहा। प्रातःकाल साफ़-सफ़ाई के बाद महाप्रभु की समाधि को पुष्पहारों से सुसज्जित किया गया और आरती पूजन के बाद सफल योनि का पाठ हुआ। पाठ के बाद प्रसाद का वितरण किया गया और तत्पश्चात भंडारे का आयोजन देर शाम तक चलता रहा। इसके अलावा एक संक्षिप्त वैचारिक गोष्ठी का आयोजन भी हुआ, जिसमें अघोरेश्वर महाप्रभु के द्वारा स्थापित संस्था 'श्री सर्वेश्वरी समूह' के तत्त्वाधान में, मानव-कल्याण के हित में, अघोरेश्वर महाप्रभु द्वारा प्रतिपादित 19 सूत्रीय कार्यक्रम का भी उल्लेख किया गया। श्री सर्वेश्वरी समूह के वर्तमान अध्यक्ष और 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' के पीठाधीश्वर अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी के मार्गदर्शन और संस्था के व्यवस्थापकों, अरुण सिंह, अनूप सिंह के नेतृत्व तथा व्यवस्थापक मण्डल के राजेंद्र सिंह, सी.एन. ओझा, डी के सिंह और विनय सिंह के सहयोग से अपार जनसमूह के बीच इस बात पर भी चर्चा हुई कि मानव-उत्थान के लिए स्थापित अघोरेश्वर महाप्रभु के उन्नीस सूत्रीय कार्यक्रम को जन-जन तक कैसे पहुँचाया जाया। इसके बाद संध्याकालीन आरती के पश्चात् पुनः भंडारे के साथ ही अघोरेश्वर महाप्रभु उर्फ़ अवधूत भगवान राम जी का 30वें 'महानिर्वाण दिवस' का सम्पूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ।
*मीडिया प्रभारी* संजय सिंह
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