अपने दिल के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए आप कुछ टेस्ट करवा सकते हैं।
हृदय हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इसमें थोड़ी सी गड़बड़ी होने पर व्यक्ति की पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। जब हृदय से जुड़ी समस्याएं शुरू होती हैं, तो व्यक्ति को सीने में दर्द या फिर सांस लेने में तकलीफ जैसे शुरुआती लक्षण नजर आ सकते हैं। लेकिन इसके पीछे के कारणों के बारे में पता लगाने के लिए कुछ मेडिकल टेस्ट करवाने जरूरी होते हैं। अगर आपको भी सीने में दर्द होता है, तो आप कुछ टेस्ट करवा सकते हैं। इससे सीने में दर्द के सही कारणों का पता चल पाता है।
तो चलिए कामिनेनी अस्पताल, हैदराबाद के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रविकांत से जानते हैं हार्ट के लिए कौन-कौन टेस्ट करवाएं जा सकते हैं।
1. ब्लड टेस्ट : हार्ट हेल्थ के बारे में जानने के लिए आप अपना ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं। ब्लड टेस्ट से मांसपेशियों के क्षतिग्रस्त होने के बारे में पता चल सकता है। इसके अलावा जब दिल का दौरा पड़ता है, जो शरीर आपके रक्त में पदार्थ छोड़ता है। रक्त में अन्य पदार्थों को मापने के लिए ब्लड टेस्ट किया जा सकता है। ब्लड टेस्ट से शरीर के अंदर सोडियम, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, विटामिन और मिनरल्स को नापा जा सकता है।
2. इको टेस्ट : हृदय के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए इको टेस्ट भी किया जा सकता है। इको टेस्ट को इकोकार्डियोग्राम भी कहा जाता है। इको एक तरह का अल्ट्रासाउंड होता है। इससे देखा जाता है कि हृदय की धड़कने और पंप कैसे काम कर रहा है। इको टेस्ट से ध्वनि तरंगों से हृदय के अंदर की तस्वीरों को देखा जा सकता है। हृदय मं चली रही गड़बड़ी का पता लगाया जा सकता है।
3. कार्डियक सीटी स्कैन : कार्डियक सीटी स्कैन हृदय और चेस्ट के चारों तरफ की तस्वीरों को लेता है। सीटी स्कैन से डॉक्टर व्यक्ति को हृदय से जुड़ी समस्या किस कारण से हो रही है, इस बारे में पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट के लिए व्यक्ति को मशीन के अंदर टेबल पर लिटा दिया जाता है। इसके बाद इस टेबल के अंदर लगी एक्स-रे ट्यूब हृदय के आसपास के तस्वीरों को लेता है और समस्या का सही कारण पता चलता है।
4. चेस्ट एक्स-रे : जब किसी व्यक्ति को सांस लेने से संबंधित कोई दिक्कत होती है, तो डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे करवाने की सलाह दे सकते हैं। चेस्ट एक्स-रे करवाने से चेस्ट, हृदय की तस्वीरों को देखा जाता है और सांस की तकलीफ की असली वजह का पता चल पाता है। चेस्ट एक्स-रे को कम रेडिएशन के साथ किया जाता है।
5. ईसीजी : ईसीजी हृदय की जांच करने के लिए एक सबसे आसान टेस्ट है। इस टेस्ट के दौरान व्यक्ति को कोई परेशानी या दिक्कत महसूस नहीं होती है। ईसीजी के जरिए हृदय के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को रिकॉर्ड किया जा सकता है। इसमें पता चलता है कि हृदय सही से कार्य कर रहा है या नहीं।
6. हॉल्टर मॉनिटरिंग : हॉल्टर मॉनिटरिंग टेस्ट करने से हृदय के चलने की गति का पता लगाया जा सकता है। यह टेस्ट अकसर तब किया जाता है, जब ईसीजी के बाद कोई तकलीफ नजर नहीं आती है। इस टेस्ट को पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस की मदद से किया जाता है। इस टेस्ट में व्यक्ति को 24 से 72 घंटे तक इस डिवाइस को पहनकर रखना होता है।
अगर आपको भी सीने में दर्द हो रहा है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो आप इन टेस्ट को करवा सकते हैं। इन टेस्ट से आपके हृदय में चल रही समस्याओं के पीछे के कारण का पता लगाया जा सकता है। लेकिन जब भी कोई हृदय से जुड़ी कोई समस्या नजर आती है, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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