## नशा ##

 


आज कल बहुत देखने को मिलता है कि छोटी उम्र से ही बच्चे नशा करना शुरू कर देते हैं !!

स्कूल कॉलेज के बच्चे हर तरह के नशा से ग्रसित है !!

जो माँ बाप अपने बच्चों को कही बाहर भेजते हैं !!

पढ़ाई करने के लिए !!

हर महीने उनके खर्चे के लिए पैसा भेजते हैं !!

ऐ सोच कर की उनका बच्चा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बनेगा !!

परन्तु बच्चे नशा मे पड़ कर अपनी जिंदगी के साथ साथ माँ बाप की भी जिंदगी बरबाद कर रहे है !!

गाँवों में भी छोटे छोटे उम्र के बच्चे गुटखा गुल तम्बाकू दिन भर मुँह में दबाये फिरते हैं !!

कही फ्री मे मील जाये तो दारू वीयर भी खुब पी रहे हैं !!

गरीब परिवार के बच्चे तो सस्ते मे मीलने वाले नशा 

के तरफ खिचे चले जा रहे हैं !!

और नशा की वजह से गम्भीर बीमारी के शिकार हो रहे है !

हर गली हर नुक्कड़ पर गुटखा मसाला की दुकान मील जाती हैं !!

दुकानदार को पैसे से मतलब है !!

14, 15 साल के बच्चे जाते हैं खरीदने और कोई रोक नही 

कहने को हम कहते हैं कि बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं !!

तो क्या हमारे देश के भविष्य सही रास्ते पर हैं !!

ऐसे बच्चे हमारे देश के भविष्य बनेंगे !!

कम से कम इस बात पर तो रोक लगना चाहिए कि कम उम्र के बच्चों को नशा ना बेचा जाये !!

इससे कुछ हद तक तो हम अपने बच्चों को नशा से बचा पायेंगे !!

माँ बाप की भी जिम्मेदारी हैं कि वो अपने बच्चों सही संस्कार दे !!

सही गलत का फर्क समझाये !!

हमारे बच्चे कैसे संगत रहते हैं !!

कैसे लोगों से उनकी मित्रता हैं !!

गलत संगत मे रह कर ही बच्चे गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं !!

कम उम्र के बच्चों को सही गलत की समझ नही होती !!

उन्हें गलत चिझ ही सही लगती हैं !!

 उन्हें सही देख रेख की जरुरत होती हैं !!

बहुत घरो मे तो बड़े लोग खुद नशा करते हैं !!

जो बच्चे बचपन से देख कर सीख जाते हैं !!

बच्चों को नशा से बचाये !!

तभी हमारे देश के भविष्य बचेगा !!


मीना सिंह राठौर✍🏻

नोएडा उत्तर प्रदेश। 



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