यूपी : एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या, पुलिस की मुस्तैदी पर उठे सवाल?



प्रयागराज के थरवई थाना क्षेत्र स्थित खेवराजपुर गांव में अज्ञात बदमाशों ने एक ही परिवार के पांच लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची...

प्रयागराज में लगातार एक के बाद एक सामूहिक हत्याओं की खबर सामने आ रही हैं, जोकि पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती हैं. ताजा मामला जिले के थरवई थाना क्षेत्र स्थित खेवराजपुर गांव का है, जहां अज्ञात बदमाशों ने एक ही परिवार के पांच लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

प्रयागराज में फिर 5 लोगों की सामूहिक हत्या :

दरअसल, शनिवार सुबह थरवई थाना क्षेत्र अंतर्गत खेवराजपुर में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. एसपी गंगा पार क्षेत्राधिकारी समेत भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. साथ ही घटना की सूचना जिलाधिकारी संजय खत्री और एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार को भी दे दी गई है. कुछ ही देर में जिलाधिकारी प्रयागराज संजय खत्री और एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार मौके पर पहुंच सकते हैं. वहीं दूसरी ओर घटना की जांच के लिए स्निफर डॉग और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गई है.

पुलिस हत्या के कारणों की जांच में जुटी : 

घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. ग्रामीणों से मिली सूचना के मुताबिक, सभी मृतक घर के बरामदे में सो रहे थे. वहीं घर के भीतर से धुंआ उठता भी पाया गया है. जिसे पुलिस और फायर ब्रिगेड ने बुझा दिया. हालांकि अभी घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है.

मृतकों के नाम :

1. राज कुमार (55) पुत्र स्वर्गी राम अवतार

2. कुसुम देवी (53) पत्नी राजकुमार

3. मनीषा कुमारी (25) विकलांग पुत्री राजकुमार

4. सविता (23) सुनील कुमार

5. मीनाक्षी (2) वर्ष पुत्र सुनील कुमार

दरअसल, संगम नगरी प्रयागराज में सामूहिक हत्याएं घटने का नाम नहीं ले रही हैं. बीते सप्ताह नवाबगंज के खागलपुर गांव में एक ही परिवार के 4 लोगों की गला रेत कर हत्या और घर के मुखिया का शव फांसी के फंदे पर मिला था. इस घटना की जांच पूरी नहीं हुई की सोरांव में दो लोगों की हत्या ने लोगों का दिल दहला दिया था. इसके बाद अब एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी पर बड़ा प्रश्नचिंह है?










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