बलिया। अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य एवं भूगोलविद् डॉ0 गणेश पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि मानसून पूर्व बादलों एवं वर्षा का आगमन प्रायः मानसून आने से सात से नौ दिन पूर्व हो जाता है इस परिप्रेक्ष्य में यदि देखा जाय तो लगभग पाच दिनों पूर्व से मौसम में स्थानीय विक्षोभों से हो रहे परिवर्तन के कारण उमस भरे वातावरण में जो बादल छाए थे और वर्षा हुई थी, उसका स्वरूप अब बदल गया है और अब पूर्वी हवा का आगमन झोकों के साथ शुरू हो गया है, जिसके साथ ही साथ घने बादल भी पूरे आसमान में आच्छादित हो गए हैं और फुहार युक्त वर्षा भी प्रारम्भ हो गयी है।
यदि देखा जाय तो ये सभी लक्षण मानसून पूर्व आने वाले बादलों एवं वर्षा के आगमन का है, जिसे 'प्री मानसून वर्षा' भी कहा जाता है। यदि यह क्रम बना रहा और पूर्वी हवा की गति बरकरार रही तो पूर्वी हवा के झोकों के साथ मानसून पूर्व वर्षा का आगमन बलिया में भी हो सकता है और यदि मानसून के आगे खिसकने की सामान्य गति जारी रही तो 22 जून बलिया में मानसून का भी आगमन हो सकता है।
addComments
Post a Comment