What is Eye Cataract : इस बीमारी में आंखों में मौजूद लेन्स अपनी पारदर्शिता खोने लगती है इस कारण मरीज को सब कुछ धुंधला नजर आने लगता है।
Eye Cataract : आंखें शरीर के सबसे अनमोल अंगों में से एक होती हैं जिनका खास ख्याल रखना जरूरी है। पिछले एक साल में वर्क फ्रॉम होम के दौरान लगातार लैपटॉप, ममोबाइल और टीवी पर नजरें गड़ाए रखने से आंखों पर बेहद दबाव पड़ा है। उम्र बढ़ने के साथ लोगों को आंखों से जुड़ी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
आंखों में मोतियाबिंद की परेशानी भी बढ़ती उम्र की निशानी है। इसे अंग्रेजी में कैटरेक्ट (Cataract) कहा जाता है। इस बीमारी में आंखों में दूधिया प्रभाव की वजह से धुंधला दिखाई देता है। आइए जानते हैं मोतियाबिंद के लक्षण (Cataract Symptoms in Hindi) और घरेलू उपाय –
क्या है मोतियाबिंद : इस बीमारी में आंखों में मौजूद लेन्स अपनी पारदर्शिता खोने लगती है इस कारण मरीज को सब कुछ धुंधला नजर आने लगता है। यदि शुरुआती समय में इस बीमारी की पहचान हो जाती है तो चश्मे में बदलाव करके और कुछ दवाइयों के सहारे इसे ठीक किया जा सकता है। वहीं, बात बढ़ने पर सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है। हालांकि, तकनीकी विकास के इस दौर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन बेहद सरल हो गया है।
कैटरेक्ट के लक्षण : मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों को रात में नहीं देख पाने की शिकायत हो सकती है, इस स्थिति को नाइट ब्लाइंडनेस कहते हैं। परेशानी बढ़ने से दिन में भी दृष्टि बाधित हो सकती है। वहीं, कई मरीजों को सभी रंग ठीक तरह से नहीं दिखते हैं। आमतौर पर देखा गया है कि मोतियाबिंद के मरीजों को पीला रंग दिखना बंद हो जाता है।
यदि किसी व्यक्ति के चश्मे का नंबर हर कुछ दिनों में बदल रहा है तो उन्हें भी नेत्र विशेषज्ञ से दिखाना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति की आंखें दिन की रोशनी में चौंधियाने लगे तो उन्हें भी डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है। मोतियाबिंद के मरीजों में ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी आंखों के सामने एक प्रकार की झिल्ली लगी हुई है जिससे देखने में दिक्कत आती है। साथ ही इस बीमारी में दोहरी दृष्टि (Double Vision) की समस्या भी आती है।
क्या हैं घरेलू उपाय : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार 40 साल की उम्र पार कर लेने के बाद लोगों को नियमित रूप से अपनी आंखें चेक करवानी चाहिए। खासकर जो लोग डायबिटीज या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें तो अनिवार्य रूप से आई चेकअप (Eye Checkup) की सलाह दी जाती है। वहीं, डाइट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें। गाजर, कद्दू, बादाम, पालक, लहसुन, धनिया की खपत बढ़ाएं।
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