करौली। करौली जिले में मासलपुर पंचायत समिति के अन्तर्गत चैनपुर-गादौली ग्राम पंचायत के वाशिंदों को इस बार गर्मी में पानी का संकट नहीं सताएगा। यहां से चार माह पहले निर्वाचित सरपंच रामकेशी मीणा ने विधायक लाखन मीणा के सहयोग से इस समस्या का समाधान करा दिया है। सरपंच के आग्रह पर विधायक ने अपने कोष से पंचायत क्षेत्र में ६ बोरिंग कराई है। इन बोरिंगों का कनेक्शन अलग अलग जगह बनाई टंकियों से किया गया है। इससे चैनपुर गांव की पानी की समस्या खत्म हुई है।
वैसे पंचायत क्षेत्र में पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए जलजीवन मिशन के तहत विधायक लाखन सिंह के प्रयास से 4 करोड 72 लाख रुपए की पेयजल योजना स्वीकृति हो चुकी है। यह कार्य शीघ्र शुरू हो जाएगा। इसके लिए पंचायत ने एक बीघा जमीन आवंटित कर दी है। योजना के पूरा होने पर चैनपुर, गादोली, उम्मेदपुरा, भैंसावट आदि गांवों में घर-घर नलों से पानी पहुंचने लगेगा।
तलाई और खेल मैदान का काम जारी अभी चार माह पहले बनी सरपंच अब पंचायत में विकास की शुरूआत कर चुकी है। सरपंच ने बताया कि इन दिनों पंचायत में 15 लाख से तलाई निर्माण जारी है। इस तलाई से चैनपुर गादौली के अलावा कौडर पंचायत को भी लाभ मिलेगा। इसी प्रकार 5 लाख की लागत से ब्रह्म ऋषि आश्रम के पास खेल मैदान बनाया जा रहा है, जिसकी चार दीवारी पूर्ण हो चुकी है। गांव के श्मशान स्थल पर 5 लाख की लागत से चार दीवारी कराई जा चुकी है। सरपंच का कहना है कि पंचायत में नाली निर्माण और स्वच्छ भारत मिशन में घर-घर शौचालय बनाने की योजना को लेकर वे प्रयास कर रही हैं।
खुद के खर्चे से कराए काम पंचायतों के पास बजट के अभाव की स्थिति के चलते सरपंच रामकेशी ने स्वयं के खर्चे पर नाली निर्माण और गांव के रास्तों में लाइट लगवाने का काम किया है। रामकैलाशी के जेठ समयसिंह ने बताया कि राज्य सरकार से बजट आया नहीं है। जबकि गांव की जरूरत को देखते हुए कुछ काम कराए हैं। समय सिंह का कहना है कि उनका परिवार ऐसे जनहित के काम पहले भी कराता रहा है।
पीएचसी और विज्ञान संकाय की है मांग सरपंच रामकेशी मीना और उनके पति चौथी लाल मीणा का कहना है कि गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और गांव के सीनियर सैकण्डरी स्कूल में विज्ञान संकाय खुलवाने की उनकी मांग है। दोनों मांगों के लिए वे लगातार विधायक से आग्रह कर रहे हैं।
पांच साल पहले मिली थी पराजय 27 साल की रामकेशी मीणा और उसके परिजनों (ससुराल) के मन में पंचायत में विकास कराने और समस्याओं के समाधान कराने की भावना रही है। इसी मंशा से रामकेशी ने जिला परिषद सदस्य का चुनाव पांच साल पहले लड़ा लेकिन वो जीत न सकी। इस हार से वह और उनके परिजन निराश नहीं हुए। इलाके में लोगों की मदद और समस्याओं के समाधान के लिए उनके प्रयास किए जाते रहे। इस सक्रीयता के परिणाम में ग्रामीणों ने उनको पंचायत का मुखिया चुन दिया।
पंचायत के साथ घर के काम भी सरपंच बनने पर भी रामकेशी परिवार के काम नियमित करती है। वह सुबह जल्दी उठकर मवेशियों की सार-संभाल करती है। उनका दूध दोहने का जिम्मा भी सरपंच पर ही है। बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजना, उनको खाना बनाना, झाडू लगाने और बर्तन साफ करने जैसे घर के कामों के बीच वह पति चौथी लाल और जेठ समयसिंह, काडूलाल की मदद से पंचायत के कार्य भी पूरा करती हैं। लोगों की समस्याएं सुनना नियमित दिनचर्या में शामिल है।
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