60 ग्राम पंचायतों में इस बार नहीं होंगे चुनाव, ऐसे तय हो रहा गांवों का आरक्षण

यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनाव की फाइनल वोटर लिस्त 22 जनवरी को जारी होगी। इसी के आधार पर आरक्षण की सूची भी तैयार होगी। इस बार आरक्षण मैनुअल के बजाए विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए तय हो रहा है। लेकिन इस बार 2015 के पंचायत चुाव की तुलना में 60 ग्राम पंचायतों के चुनाव कम होंगे। वजह है कि कई गांव नगर निकायों में शामिल हो गए हैं, ऐसे में उन गांवों के पंचायत चुनाव नहीं हो पाएंगे। क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के वार्डों की संख्या भी घटेगी।

1294 गांवों में ग्राम प्रधानों का चुनाव

कुल 1294 गांवों में ग्राम प्रधानों का चुनाव होना है। दरअसल, गोला ग्राम पंचायत के विस्तार का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 14 गांव नगर निगम में शामिल हो गए। इससे पहले नगर निगम व तीन नगर पंचायतों के विस्तार के कारण 46 गांव नगर निकायों में शामिल हो गए। पंचायती राज विभाग के नियंत्रण से इन गांवों के बाहर जाने के साथ ही दो नई ग्राम पंचायतों का गठन भी हुआ था। उस दौरान 1308 ग्राम पंचायतों में चुनाव की तैयारी हो रही थी।

ढाई लाख मतदाता हुए कम

आंशिक परिसीमन से पहले आबादी का सर्वेक्षण कराया गया, जिसके अनुसार करीब ढाई लाख मतदाता कम हुए हैं। जिला पंचायत के एक वार्ड में 50 हजार की आबादी होती है और क्षेत्र पंचायत के वार्ड में दो हजार की आबादी। इस तरह आबादी कम होने से जिला पंचायत के पांच एवं क्षेत्र पंचायत के 118 वार्ड कम हो गए हैं। जिले में दो नए नगर पंचायतों के गठन एवं एक नगर पंचायत के सीमा विस्तार की प्रक्रिया चल रही है। इनमें शामिल होने वाले प्रस्तावित गांवों में इस साल प्रधानी का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। प्रक्रिया पूरी होने पर दोनों प्रस्तावित नगर निकायों में करीब 50 से अधिक गांव शामिल हो जाएंगे।




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