लखनऊ। इस बार पंचायत चुनाव में बदलाव नजर आएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना में अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी जिला सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से ले ली है। आयोग ने पंचायत चुनाव में अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने केलिए इलेक्शन स्टाफ डिप्लायमेंट (ईएसडी) सॉफ्टवेयर विकसित किया है। निर्वाचन ऑफिस के अधिकारी-कर्मचारी ईएसडी की मदद से मतदान और मतगणना में कर्मचारी-अधिकारी की ड्यूटी लगाएंगे। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी को ईएसडी का प्रभारी बनाया गया है। हालांकि निर्वाचन ऑफिस में अधूरे इंतजाम होने की वजह से दिक्कत आने की आशंका बनी हुई है।
पंचायत चुनाव को पारदर्शी बनाने में एनआईसी अहम भूमिका निभाता रहा है। मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टियों को गठित करने की जिम्मेदारी एनआईसी करता था। ऐसा ही मतगणना कर्मियों को लेकर भी होता था। सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी भी एनआईसी तय करता था। कंप्यूटर के जरिए पूरी प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग ने बगैर एनआईसी की मदद से अपने स्टाफ के जरिए पूरी प्रक्रिया को पूरी कराने के लिए ईएसडी विकसित किया है। आयोग ने सभी सरकारी ऑफिस को लॉगिन-आईडी देने को कहा है।
सरकारी कार्यालय लॉगिन-आईडी के जरिए अपने स्टाफ का नाम और मोाबइल नंबर समेत पूरा रिकार्ड फीड करेंगे। निर्वाचन ऑफिस के कर्मचारी पोलिंग और मतगणना पार्टियों का गठन करेंगे। वीके सिंह, एडीएम प्रशासन ने बताया कि आयोग के आदेश का अनुपालन कराया जाएगा। निर्वाचन ऑफिस पंचायत चुनाव में मतदान-मतगणना पार्टियां तैयार करेगा। आयोग ने इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।
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